*खैरियत* से हूँ मैं, मेरे
*शहर* में...
तुम अपने *शहर* में
अपनी *हिफाजत* रखना...!
किसी का हाथ छुना नहीं,
🤝🏻 पर...,
किसी का साथ छोड़ना नही।
*खैरियत* से हूँ मैं, मेरे
*शहर* में...
तुम अपने *शहर* में
अपनी *हिफाजत* रखना...!
किसी का हाथ छुना नहीं,
🤝🏻 पर...,
किसी का साथ छोड़ना नही।