शायरी

भीग जाती है जो,पलके कभी तन्हाई में
कांप उठता हु मेरा दर्द, कोई जान ना ले
यु भी डरता हूँ ऐसे में अचानक कोई
मेरी आँखों मे तुम्हें देखकर पहचान ना ले