शायरी April 26, 2020 • N P Srivastava *उनकी फ़ितरत है वो दर्द देने की रस्म अदा कर रहे हैं ,**हम भी उसूलों के पक्के हैं दर्द सहकर भी वफ़ा कर रहे हैं....*✍🏿